मैने बच्चे से कहा
बेटा ज़रा नीचे वाली मंज़िल पर
मेरी टेबल पर मेरे मोबाइल का
चार्जर रखा है ....ला दो
उसने सुना नहीं
मैने अपनी बात को दोहराया
उसने टीवी की आवाज़ बढा़ दी.
मैने कहा बेटा ला दो प्लीज़.
उसने फिर नहीं सुना.
मैने नि:ष्कर्ष निकाला ..थोडा़ कड़वा है
जो निचली मंज़िल से चार्जर न लाकर दे
वह अस्पताल की निचली मंज़िल से एक्स-रे रिपोर्ट,
कैसे लाएगा ? यूरीन सेम्पल पैथ-लैब में देने कैसे जाएगा ?
और आपके मरने पर स्मशान तक कंधे पर उठा कर ले जाएगा ?
मुझे लगता है मै ग़लतफ़हमी में जी रहा हूँ !
1 comment:
ये ग़लतफ़हमी हमारी मजबूरी है
इसमे जीना ज़रूरी है!!
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