शब्द-सृष्टि
कल कभी नहीं आता ;अच्छाई की शुरूआत...अभी.
Tuesday, June 26, 2007
जीवन लीला
मैने पिता को फ़ोन लगाया
उनका स्वर भर्राया था.
मैने पूछा आवाज़ भारी क्यों है आपकी ?
उन्होने कहा..
बस अभी सोकर उठा हूँ..
मै पूछ नहीं पाया..
तबियत तो ख़राब नहीं आपकी ?
डर रहा था...
कहीं अस्पताल/डाँक्टर के यहाँ ले चलने को न कह दें.
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