शब्द-सृष्टि
कल कभी नहीं आता ;अच्छाई की शुरूआत...अभी.
Wednesday, June 27, 2007
समझ लो
अपनों से मिली आलोचना
बेगानों से मिली
प्रशंसा से ज़्यादा
मूल्यवान होती है.
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