Sunday, July 15, 2007

सब बेहतर हो रहा है...ज़िन्दगी क्यों नहीं...कुछ सरल नुस्ख़े

जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धि यह नही है कि माह के अन्त में तनख़्वाह का भुगतान हो जाए। जीवन का लक्ष्य यह भी नहीं है कि हमारे पास एक मर्सिडीज़ कार हो या बैंक खाते में लाखों रूपये पड़े हों या एक ख़ूबसूरत बंगला हो। मेरी नज़र में ज़िंदगी का अंतिम उद्देश्य है, बेहतर ज़िंदगी जीना। हमें एक प्रश्न बार-बार स्वयं से पूछना चाहिए, "मेरे लिए अच्छी ज़िंदगी क्या होगी?' और आपको बार-बार अच्छी बातों की सूची बनाते रहना चाहिए, ऐसी सूची जिसमें आध्यात्म, अर्थ, स्वास्थ्य, रिश्ते और मनोरंजन, सभी का संतुलित रूप से समावेश हो। अच्छी ज़िंदगी में क्या-क्या हो, यह सोचते हुए मैंने भी कुछ चीज़ों का चयन किया है, जिन्हें आपके साथ बांटना चाहता हूँ। ..ज़िन्दगी की सारी आपाधापी में आइये कुछ वक़्त हम अपने लिये भी निकाल लें...ज्योतिष,वास्तु,फ़ेंगशुई और तंत्र-मंत्र के अलावा नीचे लिखी बातों को कभी अपनाकर देखिये और खु़द ब खु़द जान लीजिये ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के कुछ सरल नुस्खे़...ध्यान रहे ! ये सब आपको ही करना पडे़गा..और हाँ ई जो इ है ना उसे गो कर दीजियेगा ..(बड़ा लुच्चा है इगो)एक बात और ..इन नुस्ख़ों को अपनाने के लिये किसी गुरू की आवश्यकता नहीं.

१. उत्पादकता : यदि आप कुछ नहीं करते तो ख़ुश नहीं रह सकते। जीवन की पूर्णता आराम में नहीं है। हमें आराम करना चाहिए किन्तु सिर्फ़ इतना कि हम काम करने की ताकत जुटा सकें। क्या कारण है कि विभिन्न ॠतुएँ हैं, बीज हैं, मिट्टी है, सूरज की रोशनी है, और बारिश है, और जीवन के अन्य चमत्कार हैं? सिर्फ़ इसलिए कि आप उनका उपयोग कर सकें। औरों ने इन पर अपना हाथ जमाया, आपको भी अपना हाथ आगे बढ़ाना है। अतः जीवन का महत्वपूर्ण कदम है उपलब्ध साधनों के साथ कुछ न कुछ करते रहना।


२. अच्छे मित्र : मित्रता दुनियाभर की तमाम प्रणालियों में सबसे कारगर सहयोग-प्रणाली है। इस सुख से कभी वंचित न हों। दोस्ती के लिए हमेशा समय निकालें। इसके लाभ ही लाभ हैं और यह हर तरह से बेजोड़ है। मित्र वो शानदार लोग हैं जो आपके बारे में सब जानते हुए भी आपको चाहते हैं। कुछ वर्ष पूर्व मेरे सबसे अज़ीज़ दोस्त की ५३ वर्ष की उम्र में हृदयाघात से मृत्यु हो गई। मित्र आज नहीं है किन्तु यकीन मानिए, वो मेरे लिए बहुत विशेष था। मैं उसके लिए यही कहा करता कि मैं विदेश की किसी जेल में झूठे इल्ज़ाम में क़ैद कर दिया जाता और मुझे सिर्फ़ एक फ़ोन करने की इजाज़त होती तो मैंअपने प्रिय मित्र को ही फ़ोन करता। क्यों? क्योंकि वो आता और मुझे छुड़ा ले जाता। ऐसी होती है दोस्ती। कोई आए और आपको थाम ले। हम सबके और मित्र भी होते हैं। उन्हें फ़ोन करते तो शायद जवाब मिलता, "अरे, जब तुम लौट आओ तो संपर्क करना, हम एक पार्टी करेंगे।' यह स्वाभाविक है कि आपके दो प्रकार के मित्र होंगे, गहराई रखने वाले सच्चे दोस्त या ऊपरी आवरण वाले कामचलाऊ दोस्त।

३. आपकी संस्कृति : आपकी भाषा, संगीत, त्यौहार एवं परम्पराएँ या पहनावा; ये सभी आपको ज़िंदा रखने के लिए ज़रूरी है। हमारी सबकी कुछ विशेषताएँ हैं जो सम्मिलित रूप से दुनिया में ऊर्जा, प्रभाव एवं सत्यता लाती हैं। हम कहीं न कहीं संस्कृति से अनिवार्य तौर पर जुड़े हुए हैं।

४ अध्यात्म: आध्यात्म से परिवार की जड़ें मज़बूत होती हैं और राष्ट्र का निर्माण होता है। यह सुनिश्चित कीजिए कि आप अध्ययन करें, उसका पालन करें और लोगों को शिक्षित भी करें। अपने स्वभाव के आध्यात्मिक पक्ष की अवहेलना न करें क्योंकि उसी से हमारा सही अस्तित्व है और हम कुत्तों, बिल्लियों, चूहों और पक्षियों आदि से अलग श्रेणी में आते हैं।

५. कुछ भी छोड़िए मत : मेरे पालकों ने मुझे सिखाया कि कुछ भी हाथ से मत जाने दो। हर खेल में शामिल रहो। कोई अच्छे प्रदर्शन, नाटक, फ़िल्म या नृत्य से वंचित मत हो। जहॉं-जहॉं जा सकते हो, अवश्य जाओ। संभव हो तो हर अच्छे शो का टिकट ख़रीदिये । नई-नई चीज़ें और स्थान देखिये तथा अपना अनुभव बढाइये; मुझे ऐसा करके हमेशा फ़ायदा हुआ है। ९३ वर्ष की उम्र में मेरे पिताजी के देहांत के पूर्व मैं उन्हें रात को १०.३० या ११ बजे फ़ोन करता तो पाता कि वे घर पर नहीं होते। वे क्लब में या बच्चों के सॉ़फ़्टबॉल मैच में या किसी संगीत की सभा में होते या फ़िर चर्च में मौजूद रहते। इसलिए अच्छा जीवन जीना आवश्यक है। कारण भी बताता हूँ। यदि आप सार्थक जीवन जीएंगे तो बड़ी कमाई करेंगे। ख़ुशी आपके चेहरे पर झलकेगी। आपकी आवाज़ में उसका असर होगा। आप विशिष्ट होंगे एवं आपका करिश्माई व्यक्तित्व होगा। इससे आप हर जगह सफलता प्राप्त करेंगे और प्रसन्न रहेंगे। आपका व्यक्तित्व एवं व्यवसायिक जीवन सुधरेगा।

६. आपका परिवार एवं निकटतम लोग : अपने परिवार एवं निकटस्थ लोगों का ध्यान रखें और वे आपका ध्यान रखेंगे। जब मेरे पिताजी जीवित थे तब मैं अपनी यात्राओं के दौरान उन्हें फ़ोन किया करता। वे प्रायः सुबह का नाश्ता किसानों के साथ लेते थे। छोटा सा कस्बा था। मेरे फ़ोन से उन्हें दिन भर की ख़ुशी मिल जाती। जब में इज़राईल में था तो रात के मध्य उठकर पापा को फ़ोन करता। पापा फ़ोन पर आते और मैं उन्हें बताता कि मैं इज़राईल में था। वे बड़े गर्व से सबको कहते कि बहुत दूर से उनके बेटे का फ़ोन था। यदि एक बाप दिन भर अपनी बेटी का प्यार भरा स्पर्श महसूस करता है तो वह बहुत मज़बूत है। यदि एक पति घर से बाहर रहकर भी पत्नी का प्रेम महसूस करता है तो वह सारा दिन ख़ुश रहेगा। हमारे अपनों की मौजूदगी का अहसास भर हमें ताकतवर और प्रभावशाली बना देता है। इसलिए किसी अवसर को हाथ से मत जाने दीजिए और भरसक लाभ लीजिए। पैगंबर ने कहा था, "जीवन के गुण एवं मूल्य होते हैं पर सबसे बड़ा है एक व्यक्ति द्वारा दूसरे का ध्यान रखा जाना।' प्यार अनमोल है। दरिया किनारे छोटे से तम्बू में अपने प्रियजन के साथ रहना महल में रहने से अधिक अच्छा है। परस्पर प्रेम जीवन की महानतम् अभिव्यक्ति है। अपनी व्यस्तताओं के चलते भी यह लगातार याद रखिए कि जीवन में आप क्या और किसलिए कर रहे हैं।

ईश्वर करे आपको मनचाहा जीवन मिले जो कि ख़ुशियों एवं उपलब्धियों से भरा हो। यह जाम आपकी सफलता के नाम ! हाँ यदि इन बातों को अपनाकर आप खुशी महसूस करते हैं तो इस ब्लाँग पर जताईयेगा ज़रूर ...शायद कईयों को प्रेरणा मिले..!

-जिन रॉन

(मूल अंग्रेज़ी आलेख का हिन्दी रूपांतर हमें श्री एस.नन्द के सौजन्य से प्राप्त हुआ है ,जिसके लिये हम उनके संगठन स्वयं उत्थान के आभारी हैं)

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