Tuesday, July 10, 2007

स्त्री ही लक्ष्मी

श्रिय एता: स्त्रियो नाम स्त्कार्या भूतिमिच्छिता
पालिता गुहीता च श्री: स्त्री भवति भारत.
............महर्षि वेद व्यास

ये स्त्रियां ही लक्ष्मी हैं विभूति की इच्छा करने वाले को इनका सत्कार करना चाहिये.
भली प्रकार पालन-पोषण की गई स्त्री लक्ष्मी ही हो जाती है. वेद व्यास की इस बात के एक और बात है और शर्तिया है...शोध कर के देख भी लीजिये...जिस घर में स्त्री दु:खी है,तनावग्रस्त है,अवसाद में है,सताई जा रही है....जान लीजियेगा कि उस घर में धन की किल्लत हमेशा बनी रहेगी.गृहस्वामिनी खु़श...लक्ष्मी आप पर खु़श.

1 comment:

indianrj said...

सही कहा आपने. स्वयंसिद्ध तथ्य है ये. जिस घर में स्त्री को तनाव दिया जाता है, वो न तो बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकती है, और न ही अपने तन-मन को स्वस्थ रख सकती है. परिणाम घर में कभी खुशियाँ नहीं आ पाती, न ही उस घर का पुरूष गर्व कर सकता है, आखिर एक अबला को दबाकर गर्व कैसा!!